एटा
महिला ने परेशान होकर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक,जिलाधिकारी और महिला थाना को भेजी सूचना, और कहा
मैं शहरबानो पत्नी स्वर्गीय श्री निशार अहमद किदवई नगर एटा पूर्ण होसोहावस में बोल रही हूं कि मेरे पांच बेटे हैं।सैहरुद्दीन,असलम अहमद,अहमदनूर,आरिफ,सादाब
सभी बेटों की शादी हो चुकी है ।
जिसमें तीन बेटों पर दो दो बच्चे भी हैं । मैं पूरे परिवार के साथ बहुत खुश थी लेकिन मेरे एक बेटा असलम अहमद है जिसकी शादी अलीगढ़ से सन्न 2015 में हुई जिसकी पत्नी मुबीना है जब से मेरे इस बेटे की शादी हुई है तब से गृहक्लेश बनी हुई है क्यों कि आये दिन मुबीना घर में क्लेश करती है क्योंकि मुबीना की दिमागी हालत ठीक नहीं है दिमाग का इलाज भी चल रहा है जिसका इलाज खुद मेरा बेटा असलम करा रहा है।
दिमागी हालत ठीक ना होने के चलते आये दिन घर में तांडव मचा दिया है। आये दिन अपने मायके बालों को बुलाकर घर में लड़ाई करती है इतना ही नहीं मुबीना आये दिन अपनी सास शहरबानो पर हाथ छोड़ देती है सास के साथ हाथा पाई करती है। आये दिन मरने की धमकी देती है इतना ही नहीं एक बार तो फांसी के फंदे पर झूलने का प्रयास भी किया लेकिन मुबीना को असलम ने समय पर पहुंच कर जैसे तैसे बचा लिया।
जबकि मैं शहरबानो मेरे पति की ऑनड्यूटी मृत्यु हो गई थी जिसके चलते मैने सभी बेटों को छोड़ असलम को नौकरी दिला दी जिससे वो नौकरी कर अपना परिवार चला रहा है उसके बाद भी उसकी पत्नी गृहक्लेश करती है। घर में कुछ अनर्थ ना हो जाये यह सोचकर मैने असलम को उसकी बीबी के साथ अलग किराये पर घर लेकर रहने को कहा बाबजूद इसके भी उसकी बीबी क्लेश करती है। मुबीना
कुछ उल्टा सीधा कोई कदम उठाए इससे पहले मैं असलम और उसकी बीबी बच्चों से सम्बन्ध खत्म करती हूं । इससे मेरा और मेरे अन्य बच्चों के परिवार से कोई लेना देना नहीं है मुबीना की दिमागी हालत को मद्देनजर रखते हुए अगर इनके साथ कोई घटना घटित होती है तो इसके जिम्मेदार ये खुद होंगे।
महिला बहुत परेशान है और डरी हुई है क्योंकि मुबीना के मायके वाले आये दिन आकर धमकियां देते हैं।
महिला ने परेशान होकर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक,जिलाधिकारी और महिला थाना को भेजी सूचना, और कहा
मैं शहरबानो पत्नी स्वर्गीय श्री निशार अहमद किदवई नगर एटा पूर्ण होसोहावस में बोल रही हूं कि मेरे पांच बेटे हैं।सैहरुद्दीन,असलम अहमद,अहमदनूर,आरिफ,सादाब
सभी बेटों की शादी हो चुकी है ।
जिसमें तीन बेटों पर दो दो बच्चे भी हैं । मैं पूरे परिवार के साथ बहुत खुश थी लेकिन मेरे एक बेटा असलम अहमद है जिसकी शादी अलीगढ़ से सन्न 2015 में हुई जिसकी पत्नी मुबीना है जब से मेरे इस बेटे की शादी हुई है तब से गृहक्लेश बनी हुई है क्यों कि आये दिन मुबीना घर में क्लेश करती है क्योंकि मुबीना की दिमागी हालत ठीक नहीं है दिमाग का इलाज भी चल रहा है जिसका इलाज खुद मेरा बेटा असलम करा रहा है।
दिमागी हालत ठीक ना होने के चलते आये दिन घर में तांडव मचा दिया है। आये दिन अपने मायके बालों को बुलाकर घर में लड़ाई करती है इतना ही नहीं मुबीना आये दिन अपनी सास शहरबानो पर हाथ छोड़ देती है सास के साथ हाथा पाई करती है। आये दिन मरने की धमकी देती है इतना ही नहीं एक बार तो फांसी के फंदे पर झूलने का प्रयास भी किया लेकिन मुबीना को असलम ने समय पर पहुंच कर जैसे तैसे बचा लिया।
जबकि मैं शहरबानो मेरे पति की ऑनड्यूटी मृत्यु हो गई थी जिसके चलते मैने सभी बेटों को छोड़ असलम को नौकरी दिला दी जिससे वो नौकरी कर अपना परिवार चला रहा है उसके बाद भी उसकी पत्नी गृहक्लेश करती है। घर में कुछ अनर्थ ना हो जाये यह सोचकर मैने असलम को उसकी बीबी के साथ अलग किराये पर घर लेकर रहने को कहा बाबजूद इसके भी उसकी बीबी क्लेश करती है। मुबीना
कुछ उल्टा सीधा कोई कदम उठाए इससे पहले मैं असलम और उसकी बीबी बच्चों से सम्बन्ध खत्म करती हूं । इससे मेरा और मेरे अन्य बच्चों के परिवार से कोई लेना देना नहीं है मुबीना की दिमागी हालत को मद्देनजर रखते हुए अगर इनके साथ कोई घटना घटित होती है तो इसके जिम्मेदार ये खुद होंगे।
महिला बहुत परेशान है और डरी हुई है क्योंकि मुबीना के मायके वाले आये दिन आकर धमकियां देते हैं।
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